हम वर्ष 2019 में है और भारत देश में लोकसभा चुनाव चल रहे है। भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और 125 करोड़ से अधिक की जनसँख्या वाला यह देश अपने प्रधानमंत्री को अपने वोट की मदद से चुनता है। फिलहाल भारत देश में चुनाव का माहौल चल रहा है और हर तरफ लोग चुनाव की बातें करते नजर आ रहे है। ऐसा माना जा रहा है की 2019 के भारत के लोक सभा के चुनाव अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। आप अक्सर राजनीति से जुड़े सवाल जवाब हर जगह सुनते होंगे और उसमे से एक सवाल है की भारत में कुल कितने निर्वाचन क्षेत्र है। यदि हम लोकसभा की बात करे तो भारत में कुल 543 निर्वाचन क्षेत्र है या हम ऐसा भी कह सकते है की भारत के लोकसभा में 543 सीटें है।
ये 543 निर्वाचन क्षेत्र भारत के 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित है। सबसे अधिक निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश राज्य में
है। इस राज्य में कुल 80 निर्वाचन क्षेत्र आते है। इससे अगला नंबर महाराष्ट्र का आता है, जहां 48 सीटें है।
सिक्किम, मिजोरम और नागालैंड ऐसे 3 राज्य है, जिनमे केवल 1 ही निर्वाचन क्षेत्र है।
है। इस राज्य में कुल 80 निर्वाचन क्षेत्र आते है। इससे अगला नंबर महाराष्ट्र का आता है, जहां 48 सीटें है।
सिक्किम, मिजोरम और नागालैंड ऐसे 3 राज्य है, जिनमे केवल 1 ही निर्वाचन क्षेत्र है।
यदि हम केंद्रशासित प्रदेशों की बात करे तो दिल्ली ही एक मात्र ऐसा केंद्रशासित प्रदेश है, जिसमे 7 निर्वाचन क्षेत्र है।
इन सब के अलावा बचे हुए 6 केंद्रशासित प्रदेशों में केवल 1 ही निर्वाचन क्षेत्र आता है। लोकसभा भारतीय लोकतंत्र के तहत
निचली प्रतिनिधि सभा कहलाती है। एक लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और हर 5 वर्षों के बाद पुन: चुनाव होते है,
जिसमे लोग अपने हिसाब से अपना एम.पी. नियुक्त करते है। इन 543 सीटों में जिस भी दल के पास बहुमत होती है, यानी
272 से अधिक सीटें होती है, वह दल अपनी सरकार बनाता है। इसके पश्चात् वे अपना लीडर नियुक्त करते है,
जो की प्रधानमंत्री के पद का कार्यभार संभालता है। यदि किसी राजनैतिक पार्टी के पास चुनाव के पश्चात बहुमत
नहीं है तो वह पार्टी किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करके भी सरकार बना सकती है। ऐसी स्थिति में दोनों राजनैतिक
दलों से मिलाकर मंत्री चुने जाएंगे।
इन सब के अलावा बचे हुए 6 केंद्रशासित प्रदेशों में केवल 1 ही निर्वाचन क्षेत्र आता है। लोकसभा भारतीय लोकतंत्र के तहत
निचली प्रतिनिधि सभा कहलाती है। एक लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और हर 5 वर्षों के बाद पुन: चुनाव होते है,
जिसमे लोग अपने हिसाब से अपना एम.पी. नियुक्त करते है। इन 543 सीटों में जिस भी दल के पास बहुमत होती है, यानी
272 से अधिक सीटें होती है, वह दल अपनी सरकार बनाता है। इसके पश्चात् वे अपना लीडर नियुक्त करते है,
जो की प्रधानमंत्री के पद का कार्यभार संभालता है। यदि किसी राजनैतिक पार्टी के पास चुनाव के पश्चात बहुमत
नहीं है तो वह पार्टी किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करके भी सरकार बना सकती है। ऐसी स्थिति में दोनों राजनैतिक
दलों से मिलाकर मंत्री चुने जाएंगे।
भारत के सविधान के अनुसार एक व्यक्ति 2 अलग अलग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भर सकता है।
यदि वह दोनों जगह से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाता है तो वह केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र से कार्यभार संभाल सकता है।
दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया जाता है।
यदि वह दोनों जगह से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाता है तो वह केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र से कार्यभार संभाल सकता है।
दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया जाता है।
भारत के निर्वाचन क्षेत्रों की सूची -
क्रमांक
|
राज्य का नाम
|
लोकसभा सीटें
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
25
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
2
|
3
|
असम
|
14
|
4
|
बिहार
|
40
|
5
|
छत्तीसगढ़
|
11
|
6
|
गोवा
|
2
|
7
|
गुजरात
|
26
|
8
|
हरयाणा
|
10
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
4
|
10
|
जम्मू और कश्मीर
|
6
|
11
|
झारखंड
|
14
|
12
|
कर्नाटक
|
28
|
13
|
केरल
|
20
|
14
|
मध्यप्रदेश
|
29
|
15
|
महाराष्ट्र
|
48
|
16
|
मणिपुर
|
2
|
17
|
मेघालय
|
2
|
18
|
मिजोरम
|
1
|
19
|
नागालैंड
|
1
|
20
|
ओडिशा
|
21
|
21
|
पंजाब
|
13
|
22
|
राजस्थान
|
25
|
23
|
सिक्किम
|
1
|
24
|
तमिलनाडु
|
39
|
25
|
तेलंगाना
|
17
|
26
|
त्रिपुरा
|
2
|
27
|
उत्तर प्रदेश
|
80
|
28
|
उत्तराखंड
|
5
|
29
|
पश्चिम बंगाल
|
42
|
क्रमांक
|
केंद्रशासित
|
लोकसभा सीटें
|
1
|
दादरी और नगर हवेली
|
1
|
2
|
अंडमान और निकोबार
|
1
|
3
|
चंडीगढ़
|
1
|
4
|
दिल्ली
|
7
|
5
|
दमन और दीव
|
1
|
6
|
लक्षद्वीप
|
1
|
7
|
पॉण्डीचेर्री
|
1
|
वहीं यदि हम राज्य सभा की बात करे तो यह भारत के लोकतंत्र में उच्च स्तर की प्रतिनिधि सभा है। भारत के राज्य सभा में कुल
245 सदस्य होते है। राज्य सभा में हर सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। इन 245 सदस्यों में से 12 सदस्य भारत के
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते है, बाकी बचे हुए 233 सदस्यों का चुनाव होता है।राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये गए 12 सदस्य वो
लोग होते है जिन्होंने साहित्य, कला, विज्ञानं, समाज सेवा, खेल के क्षेत्र में कार्य किया है और उस क्षेत्र का काफी अनुभव हो।
राज्य सभा को गठन करने का मुख्य कारण पुनरीक्षन सदन के रूप में किया गया था, जिसकी मुख्य भूमिका लोकसभा द्वारा
पास किये गए बिलों पर पुनरीक्षा करने का होता है। राज्य सभा की एक ख़ास बात यह है की यहां के सदस्य भारत देश की 22
भाषाओं में से किसी में भी अपनी बात कह सकते है। भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति होते है।
245 सदस्य होते है। राज्य सभा में हर सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। इन 245 सदस्यों में से 12 सदस्य भारत के
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते है, बाकी बचे हुए 233 सदस्यों का चुनाव होता है।राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये गए 12 सदस्य वो
लोग होते है जिन्होंने साहित्य, कला, विज्ञानं, समाज सेवा, खेल के क्षेत्र में कार्य किया है और उस क्षेत्र का काफी अनुभव हो।
राज्य सभा को गठन करने का मुख्य कारण पुनरीक्षन सदन के रूप में किया गया था, जिसकी मुख्य भूमिका लोकसभा द्वारा
पास किये गए बिलों पर पुनरीक्षा करने का होता है। राज्य सभा की एक ख़ास बात यह है की यहां के सदस्य भारत देश की 22
भाषाओं में से किसी में भी अपनी बात कह सकते है। भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति होते है।
यदि हम राज्य स्तर की बात करे तो हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में विधान सभा क्षेत्र होते है जिसमे लोग अपने एम.अल.ए
का चुनाव करते है। इन सभी नियुक्त किये गए एम.अल.ए में से मुख्य मंत्री का चयन किया जाता है जो पुरे राज्य का कार्यभार
संभालता है। भारत के 29 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 4126 विधान सभा क्षेत्र है। लोक सभा की तरह
विधान सभा में भी उत्तर प्रदेश भारत का वह राज्य है जिसमे सबसे अधिक विधान सभा क्षेत्र आते है। उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर
403 विधान सभा क्षेत्र है। इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जिसमे 295 विधान सभा क्षेत्र है। पुदुच्चेरी विधान सभा क्षेत्र
में सबसे काम सीटें आती है, यहां केवल 30 विधान सभा सीटें है। लोक सभा की तरह विधान सभा का कार्यकाल भी 5 वर्ष का
होता है, और हर 5 साल बाद पुन: चुनाव कराये जाते है।
का चुनाव करते है। इन सभी नियुक्त किये गए एम.अल.ए में से मुख्य मंत्री का चयन किया जाता है जो पुरे राज्य का कार्यभार
संभालता है। भारत के 29 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 4126 विधान सभा क्षेत्र है। लोक सभा की तरह
विधान सभा में भी उत्तर प्रदेश भारत का वह राज्य है जिसमे सबसे अधिक विधान सभा क्षेत्र आते है। उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर
403 विधान सभा क्षेत्र है। इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जिसमे 295 विधान सभा क्षेत्र है। पुदुच्चेरी विधान सभा क्षेत्र
में सबसे काम सीटें आती है, यहां केवल 30 विधान सभा सीटें है। लोक सभा की तरह विधान सभा का कार्यकाल भी 5 वर्ष का
होता है, और हर 5 साल बाद पुन: चुनाव कराये जाते है।